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अलविदा सरदार मनमोहन सिंह: निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन

"डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार: राजकीय सम्मान के साथ विदाई | Indian Politics"

अलविदा सरदार मनमोहन सिंह: निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन

डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई

राजकीय सम्मान और सिख परंपरा के साथ अंतिम संस्कार

शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सेना की तोपगाड़ी पर पार्थिव शरीर को लाया गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। परिवार के सदस्यों और करीबी लोगों की मौजूदगी में सिख परंपराओं के अनुसार सभी विधियां पूरी की गईं।

परिवार और नेताओं की मौजूदगी में दी गई विदाई

अंतिम संस्कार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर, बड़ी बेटी उपिंदर सिंह (65), दूसरी बेटी दमन सिंह (61), और तीसरी बेटी अमृत सिंह (58) मौजूद रहीं। बेटी उपिंदर सिंह ने मुखाग्नि दी। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और कई वरिष्ठ नेता निगमबोध घाट पर उपस्थित हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

अर्थव्यवस्था और राजनीति में अतुलनीय योगदान

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक रहा। 1991 के आर्थिक सुधारों के लिए उन्हें सबसे अधिक याद किया जाता है। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी पहचान बनाई। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अपनी सादगी और शालीनता से लोगों का दिल जीता।

पगड़ी के रंग से जुड़ा खास जुड़ाव

डॉ. मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी उनकी पहचान का हिस्सा थी। यह रंग उनके लिए इतना खास था कि अंतिम संस्कार के दौरान भी उन्हें इसी रंग की पगड़ी पहनाई गई। यह उनकी सादगी और स्थिरता का प्रतीक था।

92 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

गुरुवार रात 9:51 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में डॉ. मनमोहन सिंह ने अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से पूरा देश शोक में डूब गया।

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